स्वंयम्भू अर्धनारीश्वर शिवलिंग की महिमा अपरम्पार, श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूरी होती है,,


रवि सेन 9630670484

दुर्ग ! हमर मितान - गांव इरईकला (जालबांधा) तहसील व जिला राजनांदगांव ,दुर्ग से 25 किलोमीटर की दूरी पर है, यह शिवलिंग अर्द्धनारीश्वर अर्थात् आधी स्त्री और आधा पुरुष भगवान का, यह रूप संकेत देता है कि स्त्री और पुरूष एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और दोनों एक दूसरे के बिना अधूरे हैं। यह शिवलिंग मां धरती से अवतरित हुआ है यह शिवलिंग 200 साल पुराना (प्राचीन) है जिसके जीर्णोद्धार के लिए आज से 9-10 साल पहले गांव के एक व्यक्ति विनोद साहू को स्वप्न में आने लगे, यह प्राचीन मंदिर जो जर्जर हो चुका है उस मंदिर के आसपास बहुत गंदगी व नालियों का गंदा पानी आकर उस स्थान पर जमा हो जाता था।  वे बताते है स्वप्न में आकर कहा कि मुझे इस गंदगी से बाहर निकालो तो मैंने भी प्रभु से स्वप्न में ही कह दिया कि मैं अपने जीवन में इस मंदिर का नव-निर्माण या जीर्णोद्धार करवाऊंगा। मैं सोचता था कि यह मंदिर कैसे बनेगा लेकिन भगवान शिव की महिमा के कारण मंदिर का निर्माण कार्य 26.01:2022 से शुरू हुआ और 1 साल में पूर्ण हो गया   उक्त मंदिर के निर्माण में मंदिर समिति के सदस्यगण और ग्रामवासियों का भरपूर सहयोग मिला, इसी बीच  जब मंदिर बन रहा था तो पंडित प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले के शिवमहापुराण की कथा से प्रेरणा पाकर गांव के लोगों ने बहुत ही विधि विधान से पूजा पाठ करना प्रारंभ कर दिया, लोगो का कहना है यह अर्द्धनारीश्वर शिवलिंग पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में एकमात्र मंदिर है । जब से मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ है और लोगों में आस्था व विश्वास बढ़ा है तब से सावन माह में और महाशिवरात्रि पर्व पर गांव के साथ साथ आसपास के गांवों व शहरी इलाकों से भी भक्तजनों का इस स्वंयम्भू शिव अर्धनारीश्वर महादेव मंदिर में अपनी अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए पहोंचते है  लोगों का मानना है यहाँ निःसन्तान दम्पत्ति ज्यादा आते है जो यहाँ विधिविधान पूजा अर्चना कर अपनी मनोकामना पूरी करते है।



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