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नंदक्कट्ठी ! हमर मितान - आक्रोशित ग्रामीणों ने बाजार के बीचों बीच पर ही धान की रोपनी करने लगे. ये सब देखकर आसपास लोग चौक जा रहे थे कि ये लोग क्या रहे हैं. दरअसल, बाजार के बीचों बीच पर धान रोपाई कर खराब सड़क का विरोध जताया जा रहा था. ये मामला ग्राम नंदकट्ठी का है। ग्रामीणों ने धान की रोपाई कर विरोध जताया. इनमें रवि कुमार साहू, लेखनारायण, मिथलेश साहू, गणेश साहू, जामवंत यादव, राज साहू, गुलाब साहू, विनिश शुक्ला, विकास साहू, लोमन निषाद, जयदीप निषाद, गौरव साहू, नितीन साहू, भोज निषाद, सूरज कुम्भकार, लोकेश साहू, हिमांशु हंकारा, प्रेमप्रकाश यादव के साथ साथ अधिक संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित थे।
ग्राम नंदकट्ठी की बाजार सप्ताह में दो दिन लगने वाले की स्थिति देखें तो इसे कीचड़ दलदल ही दिखाई पड़ती है। कई वर्षों से बाजार की निलामी पंचायत द्वारा किया जाता है बाजार की हालत अब बद से बदतर हो गई है। स्थिति यह है कि बाजार में प्रवेश के लिए लोगों को पैर रखने के लिए भी कई बार सोचना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि पूरा बाजार कीचड़ में इस कदर डूबा हुआ है कि वहां खरीददारी करने वालों को कीचड़ से सराबोर होना पड़ रहा है। जबकि अनेक ग्राहक बाजार की भयावह स्थिति को देखते हुए भीतर जाने से भी परहेज कर रहे हैं। इससे साप्ताहिक बाजार के दिन भी सब्जी व अन्य व्यवसायियों को ग्राहकी के लिए तरसना पड़ रहा है।
जनप्रतिनिधियों सहित प्रशासन ने नही कोई की पहल
पैदल चलने वाले बाजार के अंदर तक नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में स्थानीय और आस-पास के ग्रामीण जो सब्जी खरीदी के लिए पहुंच रहे है उन्हें ना तो उनके पसंद का सामान मिल पा रहा है और ना ही पसरा व्यापारी अपना व्यापार चला पा रहे हैं। वहीं बाजार में कीचड़ और मवेशियों के कारण नागरिकों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। बता दें कि स्थानीय जनप्रतिनिधि, पंचायत पदाधिकारी और अधिकारी, कर्मचारी भी इस बाजार तक पहुंचते हैं परंतु कीचड़ युक्त बाजार की हालत देख कर इस अव्यवस्था को दूर करने के लिए कोई भी जनप्रतिनिधि और प्रशासन ने अब तक कोई पहल नहीं की है।
क्या कहते हैं व्यपारी ......
व्यापारी सावित्री पटेल का कहना है कि- मैं पिछले 30 वर्षों से सब्जी की व्यापार कर रही हूं जैसे ही बारिश का समय आता है बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है बाजार में कीचड़ बहुत हो जाता है बैठने के लिए जगह नहीं रहती। यदि हमारे लिए शेड का निर्माण और बैठने के लिए चावरा बना देते तो इतनी परेशानी नहीं होती।
तरूण पटेल (व्यापारी)- अपने रोजी-रोटी एवं घर परिवार चलाने के लिए छोटा सा सब्जी का व्यापार करते है लेकिन बाजार की स्थित और यहां की गंदगी देखकर सब्जी खरीदने वाले कीचड देखकर अंदर नहीं आते। इस जगह की सफाई एवं शेड निर्माण व बैठने की जगह व्यवस्थित करता है तो यहां व्यापार करने में कोई भी परेशानी नहीं आयेगी। साथ ही लाईट की व्यवस्था करतें तो 2 से 3 घंटे और सामान की बिक्री कर सकतें है।

