शिक्षक 'हर्बल लाइफ' में मशगूल, बच्चों की शिक्षा हो रही प्रभावित, जिला शिक्षा अधिकारी ने दिए जांच के आदेश , मंत्री के गृह जिले में शिक्षा का ये हाल !


 रवि सेन 9630670484

धमधा ! हमर मितान -  धमधा विकासखंड के विभिन्न सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षक इन दिनों शिक्षा से अधिक "हर्बल लाइफस्टाइल" में व्यस्त नजर आ रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा जिन कंधों पर है, वे शिक्षक अब कथित तौर पर हर्बल नेटवर्किंग बिजनेस में लिप्त हैं, जिससे छात्रों की पढ़ाई पर सीधा असर देखा जा रहा है। इस पूरे मामले में जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) अरविंद मिश्रा ने जांच के आदेश दे दिए हैं।


हर्बल लाइफ स्टाइल की चकाचौंध में शिक्षक

सूत्रों के अनुसार, धमधा के कई स्कूलों में शिक्षक पढ़ाई छोड़कर हर्बल उत्पादों की बिक्री, प्रमोशन, और नेटवर्किंग मीटिंग्स में व्यस्त हैं। ये शिक्षक कभी ऑनलाइन मीटिंग करते हैं तो कभी छत्तीसगढ़ी पारंपरिक वेशभूषा में बड़े-बड़े इवेंट में नाचते-गाते, हर्बल ड्रिंक बनाने का तरीका सिखाते नजर आते हैं।

कई शिक्षक अपने नाम से नहीं, बल्कि अपने पत्नियों के नाम से ID बनवाकर नेटवर्किंग करते हुए खुद को नियमों से बचाने की कोशिश कर रहे हैं। यह पूरी गतिविधि शिक्षा विभाग के नियमों और आचार संहिता के खिलाफ है।

BEO अथर्व शर्मा की चुप्पी सवालों के घेरे में

इस पूरे मामले पर जब धमधा बीईओ (BEO) अथर्व शर्मा से सवाल किए गए तो उन्होंने स्पष्ट जवाब देने से बचते हुए मीडिया से दूरी बना ली। स्थानीय पत्रकारों ने जब उनसे बात करनी चाही, तो वे टालमटोल करते नजर आए। इससे अंदेशा और गहरा हो गया है कि कहीं विभागीय मिलीभगत तो नहीं है।

शिक्षा मंत्री के गृह जिले में शिक्षा की बदहाली!

यह मामला और भी गंभीर तब हो जाता है जब हम देखते हैं कि धमधा वही क्षेत्र है, जो छत्तीसगढ़ राज्य के वर्तमान शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव का गृह जिला है। जब मंत्री के अपने जिले में ऐसी अनियमितताएं हो रही हैं और उनका कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा, तो राज्य के अन्य हिस्सों में हालात का अंदाज़ा आसानी से लगाया जा सकता है।

क्या होगी कार्रवाई?

अब सवाल यह उठता है कि क्या इन "हर्बल गुरुओं" पर कोई ठोस कार्रवाई होगी?

क्या शिक्षा विभाग सिर्फ जांच के आदेश देकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देगा, या वास्तव में इन शिक्षकों पर विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी?

बच्चों की शिक्षा से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो यह पूरे राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर एक सवालिया निशान बन सकता है।

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

और नया पुराने