जेवरा-सिरसा-हमर मितान-विश्व हिन्दू परिषद् जेवरा सिरसा-नंदकट्ठी प्रखंड द्वारा नव वर्ष एवं नवरात्रि के आगमन के स्वागत, अभिनंदन में नववर्ष की पूर्वसंध्या में जेवरा सिरसा के साजाराऊत देवालय परिसर से भव्य कलश यात्रा के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ मुख्य अतिथि पुणेन्द्र सिन्हा जी(प्रांत संयोजक-धर्म जागरण विभाग छत्तीसगढ़ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हिन्दू नववर्ष हजारों वर्षो से हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र एवं महत्वपूर्ण दिनों में शामिल रहा है। हिन्दू धर्म में नववर्ष को नवीनता का प्रतीक माना गया है एवं इस अवसर पर पूजा-पाठ एवं विभिन प्रकार के शुभ कार्यो को करने की परंपरा रही है। हिन्दू नववर्ष को विक्रम संवत कैलेंडर के आधार पर मनाया जाता है जिसकी शुरुआत उज्जैन के महान शासक विक्रमादित्य द्वारा शकों को पराजित करने के उपलक्ष में 58 ई. पू. वैज्ञानिक पद्धति से तैयार किया गया विक्रम संवत कैलेंडर पूर्ण रूप से वैज्ञानिक गणना पर आधारित है जहाँ नववर्ष को प्रतिवर्ष चैत्र माह में मनाया जाता है। चैत्र माह में प्रकृति में चारों ओर उत्साह एवं सौंदर्य प्रदर्शित होता है एवं बसंत ऋतु का आगमन होता है। हिन्दू नववर्ष के अवसर पर सम्पूर्ण प्रकृति ही नए साल का करने के लिए तैयार प्रतीत होती है। आध्यात्मिक दृष्टि से भी हिन्दू नववर्ष को अत्यंत पवित्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में कुटुंब परिवार को श्रेष्ठ माना गया है। परिवार में हम एक साथ भोजन, सामूहिक भजन एवं भर्मण करे। यही हमारी संस्कृति है इसे ही हिंदुत्व का दर्शन कहते है।और इससे ही पूरे विश्व में शान्ति का मार्ग मिलेगा किन्तु आज भी कुछ देश विरोधी जड़ें भारत को तोड़ने का प्रयास कर रही है किंतु हमारे संघटित प्रयास से समाज मे आने वाले विपरीत परिस्थितियों से सामना करने के लिए हम तैयार रहे।
