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रायपुर!हमर मितान- स्वदेशी जागरण मंच के स्वावलंबी भारत अभियान के तहत राजधानी में आयोजित दो दिवसीय प्रांतीय विचार वर्ग एवं कार्यशाला का संपन्न हो गई. इस कार्यशाला में आमंत्रित वक्ताओं ने समग्र रूप इस बात पर जोर दिया कि भविष्य में भारत को आर्थिक मजबूती के लिए ग्रामीण उद्योगों के साथ स्वरोजगार को बढ़ावा देना होगा.
समापन सत्र में प्रमुख वक्ता के रूप में स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह व्यवस्था प्रमुख दीपक शर्मा ने कहा कि स्वावलम्बन इस समय भारत की अर्थ व्यवस्था का अधर स्तम्भ है. इसके माध्यम से हम बड़ी से बड़ी वैश्विक मंदी को भी मात दे सकते हैं, इस दिशा में केंद्र सरकार भी लगातार प्रयास कर रही है. उन्होंने कौशल विकास से रोजगार सृजन को भी एक महत्वपूर्ण अभियान बताते हुए कहा कि भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल तो बहुत है, लेकिन उसे अभी भी पर्याप्त ढंग से रोजगार सृजन में बदलने के लिए अतिरिक्त प्रयास आवश्यक है।उन्होंने ने कहा 20 आ गया है। (जो 2.1 रिपलेसमेंट लेवल) से भी कम है, फिर भी भारत के आगामी 20 वर्ष तक भी युवा बने रहने की स्थिति है। यह वास्तव में भारत की
सबसे बड़ी धरोहर होनी चाहिए थी, किंतु आज यह सबसे बड़ी चुनौती बन गया हैं। क्योंकि हम अपने युवाओं को रोजगार की प्रक्रिया में नहीं ला पा रहे हैं। अभी पिछले दिनों ही सीआईआई (चेंबर ऑफ इंडियन इंडस्ट्री) की एक रिपोर्ट आई है,जिसके अनुसार अगर भारत अपनी सारी युवा शक्ति को रोजगार उपलब्ध करवाने में सफल हो जाएतोभारत40ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था (2047 तक) बन सकता है। इस समय पर विश्व की सर्वोच्च अर्थव्यवस्था अमेरिका भी केवल 24
ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था है, अर्थात अगर भारत अपने जनसांख्यिकीय लाभांश को ठीक से रोजगार की प्रक्रिया का प्रयोग करते हुए आर्थिक उन्नति में बदलता है तो हम विश्व में सबसे अधिक संपन्न देश हो सकते हैं।
वास्तव में स्वावलंबी भारत अभियान का पहला उद्देश्य ही यही है कि भारत पूर्ण रोजगारयुक्त हो। दूसरा उद्देश्य है कि भारत में गरीबी रेखा (Below Poverty
Line - BPL), जो अभी 16-17 प्रतिशत हैं, वह शून्य पर चली जाए और तीसरा,वर्ष 2030 तक ही भारत 10 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बन जाए। हां,पर्यावरण का संरक्षण करते हुए। क्योंकि यह पर्यावरण हितैषी विकास की हमारी हमेशा से सोच रहती ही है।
समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त संघचालक डॉ पुर्णेन्दु सक्सेना ने कहा कि इस कार्यशाला से पुरे प्रदेश में स्वावलंबन को लेकर एक वैचारिक क्रांति का बीजारोपण हुआ है. आने वाले दिनों में इसे पुष्पित और पल्लवित करते हुए हमें अभीष्ट लक्ष्य प्राप्त करने के लिए एकजुट प्रयास करना होगा.
इससे पहले आज के प्रथम सत्र में स्वदेशी जागरण मंच के क्षेत्रीय सह- संयोजक मुख्य वक्ता सुधीर दाते ने कहा कि भारत को आर्थिक शक्ति बनाने के लिए स्वावलंबन को रोजगार सृजन तक पहुँचाना होगा. खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के सेवानिवृत्त उपनिदेशक एस.के. शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में ग्रामीण और लघु उद्योग की समृद्ध परंपरा है. आर्थिक तरक्की के लिए इसे संस्थागत स्वरूप देने की आवश्यकता है.
आज के दूसरे सत्र में रोजगार से स्वावलंबन की सम्भावना विषय पर अपनी बात रखते हुए छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ़ कामर्स के अध्यक्ष तथा चेम्बर की राष्ट्रीय इकाई के कोषाध्यक्ष अमर पारवानी ने कहा कि सरकारी नौकरी या निजी क्षेत्र की नौकरी एक सीमित वर्ग को ही मिल सकती है. इसलिए अब रोजगार और स्वावलंबन ही आजीविका का विश्वसनीय आधार बन सकता है. उन्होंने छत्तीसगढ़ में लघु उद्योग की असीम सम्भावना बताते हुए कहा कि इस दिशा में अभी बड़े प्रयास की जरुरत है, तभी बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा. इसी सत्र में स्वदेशी जागरण मंच के क्षेत्रीय संगठक केशव दुबोलिया ने अपने संबोधन में कहा कि किसी ही अभियान को दीर्घकाल तक संचालित करने और अपेक्षित परनाम प्राप्त करने के लिए संगठन और कार्यकर्ता का होना बहुत आवश्यक है. उन्होंने कार्यकर्ता के सामर्थ्य की चर्चा करते हुए कहा कि एक योग्य कार्यकर्ता अपने साथ सौ से अधिक लोगों को अभियान से जुड़ने के लिए प्रेरित कर सकता है. कार्यक्रम में आमंत्रित वक्ताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए स्वदेशी जागरण मंच के प्रान्त संयोजक मोहन पवार ने कहा कि स्वदेशी केवल एक अवधारणा ही नहीं है, बल्कि जीवन शैली है, जिससे स्वावलंबन का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है. इस अवसर पर स्वावलंबी भारत अभियान के प्रान्त समन्वयक जगदीश पटेल, ने सत्र का संचालन किया.
दो दिवसीय प्रांतीय विचार वर्ग एवं कार्यशाला के व्यवस्था प्रमुख अमर बंसल, सह व्यवस्था प्रमुख संजय जोशी, स्वदेशी जागरण मंच के प्रान्त कार्यालय प्रमुख दिग्विजय भाकरे,चिकित्सा व्यवस्था प्रभारी डॉ श्याम शर्मा, कार्यशाला के आवास व्यवस्था प्रमुख अमरजीत छाबड़ा, भोजन व्यवस्था प्रभारी मावजी भाई पटेल, बिहारी होतवानी, चित्तरंजन ठाकुर, ए.पी. झा. नवीन शर्मा. कार्यालय प्रमुख रविकांत जायसवाल, डॉ. पी.एल. चौधरी, निधि झा, उमा शुक्ला आकृति देवांगन, लक्ष्मी जिलहरे, राहुलदेव पन्त, राजमोहन बाघ, बलदेव देवांगन, अश्विन प्रभाकर, तृप्ति चौहान, धर्मेन्द्र कौशिक तथा जी.आर. जगत ने सक्रिय सहयोग दिया.
इस कार्यक्रम के संयोजन में प्रमुख रूप से स्वदेशी जागरण मंच के प्रान्त संपर्क प्रमुख सुब्रत चाकी सुब्रत चाकी, प्रान्त संयोजक मोहन पवार, स्वावलंबी भारत अभियान के प्रान्त समन्वयक जगदीश पटेल, स्वदेशी जागरण मंच की अखिल भारतीय सह महिला प्रमुख शीला शर्मा, स्वदेशी जागरण मंच के प्रचार प्रमुख उमेश पासवान, स्वावलंबी भारत अभियान की प्रान्त सह समन्वयक सुमन मुथा ने अपनी अहम् भूमिका निभाई।
