रवि सेन 9630670484नंदकट्ठी ! हमर मितान - बोडेगाव के अंचल में प्रबोधनी एकादशी, देवउठनी का पर्व अर्थात तुलसी विवाह धूमधाम के साथ मनाया गया। इसके लिए गांव-गांव में विशेष तैयारी पूरी हो गई थी। छोटी दिवाली मनाते हुए आतिशबाजी भी किया गया।बता दे दुर्ग तहसील समेत ब्लॉक के सभी गांवों में देवउठनी पर्व को लेकर ग्रामवासी तैयारी किए थे। लोग इस पर्व को देवउठनी एकादशी, तुलसी विवाह अर्थात छोटी दीपावली के नाम से जानते हैं। तुलसी चौरा के सामने गन्ने का मंडप सजाकर भगवान विष्णु और तुलसी का विवाह रचाने की परंपरा भी निभाई गई।
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पंडित चंपेश कृष्ण महाराज ने बताया की इस दिन भगवान विष्णु चार महीने बाद आज निद्रा से जागते हैं। इसी दिन से शुभ कार्य की शुरुआत होती है। इस दिन विधिविधान से तुलसी चौरा को गन्ने के मंडप से सजाकर भगवान विष्णु और माता तुलसी का विवाह किया जाता है। लोग इस पर्व पर पूड़ी, फल, मिठाई का प्रसाद के रूप में वितरण करते हैं। इसके अलावा यादव समाज के लोग रातभर गौ माता को सोहई बांधते हैं। उन्होंने बताया की सनातन धर्म में एकादशी का बहुत महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान की विधि-विधान से पूजा की जाती है। साथ ही व्रत भी रखा जाता है। इस साल देवउठनी एकादशी 23 नवंबर को बोडेगाव में मनाया गया।
देव उठनी एकादशी पर्व नंदकट्ठी सहित क्षेत्र के ग्राम बोडेगाव , रवेलीडीह,अरसनारा, करंजाभिलाई, पथरिया, मेंडेसरा, कोड़िया,झेंझरी, भटगांव, जेवरा सिरसा, चिखली,सहित अन्य गांवों में धूमधाम से यह पर्व मनाया गया।