जेसीबी लेकर तालाबों से कब्जा हटाने पहुंचा अमला, धमधा के 15 तालाबों से अतिक्रमण हटाने का प्रथम चरण शुरू, एसडीएम के नेतृत्व में डटे रहे अधिकारी!


 रवि सेन की रिपोर्ट..✒️✒️

दुर्ग,धमधा ! हमर मितान -  धमधा के शासकीय तालाबों को अतिक्रमणमुक्त करने की कार्रवाई का पहला चरण शुक्रवार से शुरु किया गया। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व)  बृजेश सिंह क्षत्रीय के नेतृत्व में सरकारी अमला छह तालाबों पर में गया, जिन्हें लोगों ने पाटकर खेत बना दिया था। मौके पर खेत के चारों ओर जेसीबी से खोदकर गड्ढा किया गया। आज छह तालाबों पर अतिक्रण हटाने की कार्रवाई की गई। यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।

धमधा छै आगर छै कोरी तरिया के नाम से प्रसिद्ध था। इन्हें संरक्षित करने के निर्देश कलेक्टर  सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने दिये हैं। जिस पर कार्रवाई करते हुए पहले सभी अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किया गया था। सुनवाई पूरी होने के बाद अब अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व)  बृजेश सिंह क्षत्रीय के नेतृत्व में शुक्रवार को तालाबों के अतिक्रमण हटाने की शुरुआत की गई। स्वयं एसडीएम अपने अधिकारियों के साथ जेसीबी लेकर पहुंचे और छह तालाबों को कब्जा मुक्त किया गया। इन शासकीय तालाबों को खेत बना दिया गया था। पहले खेत का घेरा तोड़ा गया फिर मेड़ के किनारे-किनारे जेसीबी से गड्ढा किया गया, ताकि फिर से उन पर कब्जा न हो। इस दौरान अतिक्रमणकारियों ने कुछ विरोध भी किया, लेकिन प्रशासन ने शासकीय भूमि के कब्जे को हटाने की कार्रवाई नहीं रोकी। पहले दिन हाथी बूड़ान, घोड़ा बूड़ान, टार-भानपुर तालाब, तेली डबरी, राजा तालाब के पैठू तथा राजा तालाब के पार को खाली कराया गया। इस कार्रवाई में नगर पंचायत के मुख्य नगर पालिका अधिकारी  नायक, नायब तहसीलदार  कुलेश्वर पटेल, सब-इंजीनियर  विनायक सहित अन्य अधिकारी शामिल रहे। इस कार्रवाई को लोगों ने नगर के धरोहरों को बचाने के लिए अच्छा कदम बताया। इधर एसडीएम श्री क्षत्रीय ने कहा कि धमधा प्राचीन काल में काफी समृद्ध था, क्योंकि यहां के तालाब हमारी जीवनशैली और व्यापार-व्यवसाय से जड़े थे। नागरिकों से अपील है कि नगर के वैभवशाली धरोहर को बचाने के लिए जागरूक हों। इन्हें बचाने में अपना योगदान दें। यह अभियान लगातार जारी रहेगा, बारिश के पूर्व सभी तालाबों को कब्जामुक्त करने की कार्ययोजना बनाई गई है।


पहले चरण में 15 तालाबों से हटेगा अतिक्रमण


 शासकीय भूमि पर स्थित 30 तालाबों को पाटकर लोगों ने खेत बना डाला है। इसमें पहले चरण में 15 तालाबों को अतिक्रमण हटाने के लिए चिन्हित किया गया है। जिनसे कब्जा हटाया जा रहा है। इन तालाबों के सीमांकन व चिन्हांकन के लिए सूचना फलक भी लगाए जा रहे हैं।

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