रविआनंद 9630670484
ननकट्ठी ! हमर मितान - महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवार सुमति के संगी तुलसीदास कृत हनुमान चालीसा की यह पंक्ति दुर्ग जिले के ननकट्ठी गांव में चरितार्थ हो रही है जहां आपसी भाई चारे को देखकर अगल-बगल के ग्रामवासी या वहां पर जाने वाले बाहरी व्यक्ति को भी आश्चर्य होता है। जी हां इस गांव में आज तक किसी भी प्रकार का आपसी मनमुटाव नहीं हुआ है। गांव वाले इस सब का कारण गांव में ही स्थित प्राचीन मंदिर में विराजे बजरंगबली को मानते है। यह मंदिर कितना पुराना है इसका कोई पुख्ता प्रमाण आज तक नहीं मिल पाया है। मंदिर निर्माण की समयावधि आज भी शोध का विषय बना हुआ है।
![]() |
यह बजरंग बली की ही माया है कि प्रारंभ में तीन फीट के थे लेकिन आज चंदन, घी और सिंदूर के लेप के कारण प्रतिमा की लंबाई सात फीट के करीब हो गई है। आज इस मंदिर में भगवान शिव-पार्वती, गणेश, विष्णु-लक्ष्मी, अन्नपूर्णा, महामाया, राधा-कृष्णा, जगन्नाथ, नंदी के साथ साथ कई प्रकार के देवी- देवताओं की उपस्थिति से मंदिर की शोभा में चार चांद लग गए है, जिसको देखने एवं दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग आते है।
अनहोनी से दूर है ननकट्ठी
पूर्व उपसरपंच बलराम साहू ने बताया कि मेरे बचपन से लेकर आज तक न ही किसी प्रकार का भयानक रोग हुआ है और न ही किसी की अकाल मृत्यु हुई है। कई बार बारिश नहीं होने से भी किसी प्रकार की तकलीफ नहीं होती है। गांव के आपसी संबंधों केे बारे में कहना है कि ग्राम ननकट्ठी में कई जाति के लोग निवास करते है लेकिन आज तक किसी भी प्रकार कोई आपसी विवाद नहीं हुआ है जिससे गांव के लोगों को दिक्कत हो, इसके पीछे पुरे गांव वालों का मानना है कि इसके पीछे हनुमान जी का आशीर्वाद है।
पवन पुत्र में सभी धर्म की आस्था
मंदिर के पुजारी गोस्वामी से वार्तालाप करते पत्रकार आनंद साहू को बताया कि प्रतिदिन संध्या समय पूजा अर्चना में सभी ग्रामीण भाग लेते है और अपना पूरा सहयोग प्रदान करते है। सालाना या किसी विशेष अवसर पर होने वाले पूजा पाठ के लिए सभी लोग यथा शक्ति दान देते है तथा सहयोग प्रदान करते है।