रवि सेन 9630670484
नंदकट्ठी। हमर मितान - दस दिनों तक गांव-गांव में भक्ति और उल्लास का संगम रचने वाले गणेशोत्सव का समापन अनंत चतुर्दशी पर धूमधाम से हुआ। घरों और पंडालों में विराजित गणेश प्रतिमाओं के समक्ष विधिविधान से हवन-पूजन कर विसर्जन का सिलसिला शुरू हो गया। जैसे ही हवन की आहुतियां समर्पित हुईं, वातावरण “गणपति बप्पा मोरिया, अगले बरस तू जल्दी आ” के नारों से गूंज उठा।
शनिवार सुबह से ही कई स्थानों पर प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू हो गया। कहीं परिवारजन तालाब तक गणेश प्रतिमा को लेकर निकले तो कहीं समितियों ने विशाल प्रतिमाओं की शोभायात्रा बाजे-गाजे और धूमाल की थाप पर निकाली। गड़वा बाजे और ढोल-नगाड़ों की धुन पर भक्तजन झूमते-नाचते नजर आए। रविवार को दोपहर 12:57 बजे से लगने वाले चंद्रग्रहण के कारण कई स्थानों पर विसर्जन पूर्व में ही कर लिया गया। जिन स्थानों पर संभव नहीं हो पाया वहां श्रद्धालु प्रतिमाओं का विसर्जन आगामी दिनों में करेंगे।
पूरे उत्सव के दौरान ग्रामीण अंचल भक्ति में डूबा रहा। पंडालों और घरों में रोज सुबह-शाम पूजन-आरती के साथ भजन-कीर्तन गूंजते रहे। भजन मंडलियों ने सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ कर श्रद्धालुओं को भक्ति रस में सराबोर कर दिया। कई स्थानों पर भंडारे और 56 भोग जैसे आयोजन हुए, जिनमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
हालांकि लगातार तीन दिनों तक हुई बारिश ने कभी-कभी कार्यक्रमों पर असर डाला और श्रद्धालुओं को भीगते हुए लौटना पड़ा, लेकिन उत्साह और आस्था में कोई कमी नहीं आई। जैसे ही प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ, हर गली-मोहल्ला बप्पा की विदाई के नारों से गूंज उठा। आंखें नम थीं, मगर विश्वास यही कि गणेशजी अगले बरस फिर खुशियां लेकर पधारेंगे।


