विश्व मातृ भाषा दिवस में सामुदायिक सहभागिता द्वारा बच्चों के दादा-दादी,नाना-नानी से कहानी सुनने की परंपरा की जीवंत रखने व सुनने की दक्षता विकसित करने हेतु ढौर स्कूल में हुआ कहानी उत्सव का आयोजन!


रवि सेन की कलम से ...✒️✒️

दुर्ग ! हमर मितान -अंतराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस पूरे विश्व में मनाया जा रहा है।इसी परिप्रेक्ष्य में छत्तीसगढ़ शासन के शिक्षा विभाग के दिशानिर्देशानुसार प्रदेश की सभी शालाओं में कहानी उत्सव का आयोजन किया जा रहा है।इसी के अंतर्गत शाला में अध्ययनरत छात्रों के दादा-दादी एवं नाना नानी के साथ ग्राम के अन्य गणमान्य बुजुर्ग नागरिकों को स्थानीय मातृ भाषा छत्तीसगढ़ी में कहानी सुनाने हेतु आमंत्रित किया गया था।यह आयोजन शासकीय प्राथमिक शाला क्रमांक 1 व क्रमांक 2 एवं पूर्व माध्यमिक शाला ढौर में भी सामूहिक रूप से आयोजित किया गया।ग्राम के बुजुर्ग सुमेरी राम नायक,सेवा राम साहू,श्रवण यादव, हिमाचल वर्मा, त्रिलोचन साहू,पार्वती भारती,संदीप भारती,शैलेन्द्र बंजारे,गणेशिया बाई,जमुना मनहर,सुमन टंडन ने बच्चों को छत्तीसगढ़ की पौराणिक,आध्यात्मिक, ऐतिहासिक एवं नीति शिक्षा से संबंधित कहानियां सुनाई।जिसे सुनकर सभी बच्चे हर्षित,उत्साहित व प्रेरित हुए।

 इस आयोजन  का उद्देश्य छात्रों में मूलभूत साक्षरता के विकास हेतु बच्चों के सुनने के कौशल में दक्ष करने के साथ साथ  बुजुर्गों के द्वारा बच्चों को कहानियाँ सुनाने की परंपरा को जीवित रख कर सामुदायिक सहभागिता का सहयोग लेकर गणितीय कौशल को भी विभिन्न गतिविधियों से विकसित करना था। इस कार्यक्रम में ग्राम ढौर की सरपंच श्रीमती कुसुम बघेल व गणमान्य नागरिक अंजोर दास बघेल एवं ढौर के संकुल समन्यवक श्री ओम कुमार खुटियारे, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला ढौर के प्रधानपाठक तरुण भीमगड़े शासकीय प्राथमिक शाला ढौर क्रमांक 1 एवं क्रमांक 2 के प्रधानपाठक अश्वनी देवांगन,अनिल थारवानी एवं शिक्षक दीप्ती मेश्राम, सुनीति माहेश्वरी, सुनीता साहू,चैलेन्द्र साहू, रिखी राम पारकर,यामिनी पाठक,अमृता सिन्हा,मंजू गुप्ता, प्रमिला भतपहरी,रविंदर कौर,ए मधुलिका,पूजा द्विवेदी,अंजू त्रिपाठी,मीरा यादव, मीरा आडिल,मनीष गेन्ड्रे उपस्थित थे।




               

 

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